कदमा और सोनारी बना अवैध निर्माण का हब, बिल्डरों को है राजनीतिक संरक्षण

जमशेदपुर : कदमा और सोनारी में अवैध निर्माण की बाढ़ सी आ गई है। या फिर यूं कहें कि इन दोनों क्षेत्रों में बिल्डरों को राजनीतिक संरक्षण प्राप्त है। जिसके कारण वे धड़ल्ले से नक्शा का विचलन कर अवैध रूप से बिल्डिंगों का निर्माण करते जा रहे हैं। इसीलिए इन दोनों क्षेत्रों को शहर में अवैध निर्माण का हब कहा जाता है। ये दोनों क्षेत्र जमशेदपुर अक्षेस विभाग के अंतर्गत आते हैं और जहां से निमार्ण के लिए बिल्डरों द्वारा नक्शा पास कराकर अपने मन मुताबिक नियमों को ताक पर रखकर यह सबकुछ किया जा रहा है। वहीं बीच-बीच में विभाग कुछ एक पर कार्रवाई भी करती हैं। मगर अधिकांश में राजनीतिक हस्तक्षेप के कारण विभाग को पीछे हटना पड़ता है। जिससे बिल्डरों का मनोबल सातवें आसमान पर पहुंच गया है। वहीं ताजा मामला सानारी नॉर्थ ईस्ट ग्वाला बस्ती के पास का है। जहां जीतू नामक बिल्डर अपने व्यावसायिक पार्टनरों के साथ मिलकर अवैध रूप से बिल्डिंग का निर्माण करवा रहा है। जिसके तहत नियमों की धज्जियां उड़ाते हुए छह तल्ला बिल्डिंग का निर्माण भी कर दिया है। मगर अब तक विभाग को इसकी भनक तक नहीं है। इसी तरह बिल्डर द्वारा और भी बिल्डिंगों का निर्माण कर उसे बेचा भी जा चुका है। दूसरी तरफ कदमा क्षेत्र के उलियान, अनिल सुर पथ ए-रोड तालाब के आस-पास, बी व डी रोड, रामनगर रोड नंबर 4 में बिल्डर खुर्शीद हसन उर्फ भोला और कौशिक दत्ता द्वारा बनाई जा रही बिल्डिंग, भाटिया बस्ती, मंदिर पथ, अशोक पथ व गंगा पथ और न्यू रानी कुदर में बन रही बिल्डिंगे भी अवैध रूप से बनी है या फिर बन रही है। बताते चलें कि बीते दिनों जमशेदपुर के 1246 भवनों में हुए अवैध निर्माण को लेकर झारखंड हाईकोर्ट में दायर पीआईएल याचिका पर सुनवाई करते हुए न्यायधीशों की बेंच ने कड़ी आपत्ति जताई थी। साथ ही जांच के लिए अधिवक्ताओं की तीन सदस्यीय कमिटी का गठन भी किया था। जिन्होंने पिछले दिनों शहर पहुंचकर जांच भी की थी। जिसके बाद इसकी जांच रिपोर्ट हाईकोर्ट में सौंपने की बात भी कही थी। अगर राजनीतिक हस्तक्षेप को नहीं रोका गया तो अवैध निर्माणों को रोकना नामुमकिन है।

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